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Sunday, 26 May 2019

SUPREME COURT (सर्वोच्च या उच्चतम न्यायालय)

ESTABLISHED
स्थापना
28 जनवरी 1950
AUTHORIZED
प्राधिकृत
CONSTITUTION OF INDIA
भारतीय संविधान
JUDGE TERM LENGTH
न्यायाधीश की अवधि
MANDATORY RETIREMENT AT 65 YEARS OF AGE
65 वर्ष की आयु में अनिवार्य सेवानिवृत्ति
NUMBER OF POSITIONS
पदों की संख्या
34
(CJI) CHIEF JUSTICE
मुख्य न्यायाधीश
1
JUDGE'S
न्यायाधीश
33

Supreme Court
Supreme Court Inside

The Supreme Court Of India Or Supreme Court Of India Is The Highest Judicial Authority Of India, Which Has Been Set Up Under Part 5 Chapter 4 Of The Indian Constitution. The Supreme Court Has Received The Maximum And Comprehensive Judicial Authority Of The Union Of India. According To The Indian Constitution, The Role Of The Supreme Court Is The Federal Court And The Patron Of The Indian Constitution.
भारत का उच्चतम न्यायालय या भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है जिसे भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है। भारतीय संघ की अधिकतम और व्यापक न्यायिक अधिकारिता उच्चतम न्यायालय को प्राप्त हैं। भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान के संरक्षक की है।

The Rules Outlined In Paragraph 124 To 147 Of Indian Constitution Are The Foundations Of The Structure And Jurisdiction Of The Supreme Court. Supreme Court Is The Highest Appellate Court Which Hears The Appeal Against The Decisions Of The States And Union Territories High Courts. Apart From This, Petitions Relating To Disputes Or Fundamental Rights And Serious Violations Of Human Rights Are Usually Kept Directly Before The Supreme Court. The Inauguration Of The Supreme Court Of India Took Place On January 28, 1950.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक में वर्णित नियम उच्चतम न्यायालय की संरचना और अधिकार क्षेत्रों की नींव हैं। उच्चतम न्यायालय सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से सम्बन्धित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ।

The Main Block Of Supreme Court Building Is Built On A Square Plot Of 22 Acres Of Land Situated On Tilak Road In The Capital Of India, New Delhi. The Design Of Construction Was Made In The Indo-British Architectural Style By The Chief Architect, Ganesh Bhikaji Devlalikar, The First Indian President Of The Central Public Works Department. The Court Was Transferred To The Present Building In 1958.
उच्चतम न्यायालय भवन के मुख्य ब्लॉक को भारत की राजधानी नई दिल्ली में तिलक रोड स्थित 22 एकड़ जमीन के एक वर्गाकार भूखंड पर बनाया गया है। निर्माण का डिजाइन केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के प्रथम भारतीय अध्यक्ष मुख्य वास्तुकार गणेश भीकाजी देवलालीकर द्वारा इंडो-ब्रिटिश स्थापत्य शैली में बनाया गया था। न्यायालय 1958 में वर्तमान इमारत में स्थानान्तरित किया गया।

All Judges Of The Supreme Court Are Appointed By The President Of India In Consultation With The Supreme Court. The Chief Justice Of The Supreme Court, In Consultation With The President, Consulted The Group Of Four Seniormost Judges Before Advising The President In This Context And Advises The President On The Basis Of The Consultation Received From This Group.
उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं।

Initially, The Constitution Of India Provided For A Supreme Court With A Chief Justice And 7 Judges. In The Early Years, A Full Bench Of The Supreme Court Sat Together To Hear The Cases Presented Before Them. As The Work Of The Court Increased And Cases Began To Accumulate, Parliament Increased The Number Of Judges (Including The Chief Justice) From The Original 8 In 1950 To 11 In 1956, 14 In 1960, 18 In 1978, 26 In 1986, 31 In 2009, To 34 In 2019. As The Number Of The Judges Has Increased, They Sit In Smaller Benches Of Two Or Three (Referred To As A Division Bench) Coming Together In Larger Benches Of Five Or More (Referred To As A Constitution Bench) When Required To Settle Fundamental Questions Of Law. A Bench May Refer A Case Before It To A Larger Bench, Should The Need Arise. 
Cases Involving Interpretation Of The Constitution Are Heard By At Least A 5 Judge Bench As Provided Under Article 145(3).
प्रारंभ में, भारत के संविधान ने एक मुख्य न्यायाधीश और 7 न्यायाधीशों के साथ एक सर्वोच्च न्यायालय का प्रावधान किया। प्रारंभिक वर्षों में सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ उनके सामने प्रस्तुत मामलों की सुनवाई के लिए एक साथ बैठती थी। जैसे-जैसे न्यायालय का काम बढ़ता गया और मामले जमा होने लगे संसद ने न्यायाधीशों (मुख्य न्यायाधीश सहित) की संख्या 1950 में मूल 8 से बढ़ाकर 1956 में 11, 1960 में 14, 1978 में 18, 1986 में 26, 2009 में 31, 2019 में 34 कर दी। न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि के साथ, वे दो या तीन की छोटी बेंचों में बैठते है। (जिन्हें एक डिवीजन बेंच कहा जाता है) पांच या अधिक की बड़ी बेंचों में एक साथ आते है। (जिन्हें संविधान पीठ कहा जाता है) जब कानून के मौलिक प्रश्नों को निपटाने की आवश्यकता होती है। जरूरत पड़ने पर एक बेंच अपने सामने किसी मामले को बड़ी बेंच को भेज सकती है। 
संविधान की व्याख्या से जुड़े मामलों की सुनवाई कम से कम 5 जजों की बेंच द्वारा की जाती है। जैसा कि अनुच्छेद 145(3) के तहत प्रदान किया गया है।

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