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Saturday, 25 May 2019

INDIAN JUDICIARY (भारतीय न्यायपालिका)



 Indian Judiciary Is A System Based On Common Law (Common Law).  This System Was Created By The British During The Colonial Rule.  This System Is Known As 'Common Law System' In Which The Judges Develop Laws With Their Decisions, Orders And Decisions.  There Are Many Levels And Different Types Of Courts In India.  The Supreme Court Of India Is The Supreme Court Of New Delhi And Below It Is The High Court In Different States.  Under The High Court, There Are District Courts And Its Subordinate Jurisdictions Which Are Called 'Lower Court'.
भारतीय न्यायपालिका आम कानून (कॉमन लॉ) पर आधारित प्रणाली है। यह प्रणाली अंग्रेजों ने औपनिवेशिक शासन के समय बनाई थी। इस प्रणाली को 'आम कानून व्यवस्था' के नाम से जाना जाता है जिसमें न्यायाधीश अपने फैसलों, आदेशों और निर्णयों से कानून का विकास करते हैं। भारत में कई स्तर के तथा विभिन्न प्रकार के न्यायालय हैं। भारत का शीर्ष न्यायालय नई दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय है और उसके नीचे विभिन्न राज्यों में उच्च न्यायालय हैं। उच्च न्यायालय के नीचे जिला न्यायालय और उसके अधीनस्थ न्यायालय हैं जिन्हें 'निचली अदालत' कहा जाता है।


Six Types Of Courts Have Been Established In India.
भारत में छह प्रकार के न्यायालय स्थापित किए गए हैं।

SUPREME COURT
(सर्वोच्च) उच्चतम न्यायालय
HIGH COURT
उच्च न्यायालय
DISTRICT COURT
जिला न्यायालय
TRIBUNAL
न्यायाधिकरण
FAST TRACK COURT
फास्ट ट्रैक कोर्ट
PUBLIC COURT
लोक अदालत

COURT
(न्यायालय/अदालत) "कचहरी"

Courts (Courts Or Courts) Are Usually From The Place Where Justice Administration Works, But It Is Often Used In The Meaning Of A Judge.  In The Colloquial Language, The Court Is Also Called A Court.
न्यायालय (अदालत या कोर्ट) का तात्पर्य सामान्यतः उस स्थान से है जहाँ पर न्याय प्रशासन कार्य होता है, परंतु बहुधा इसका प्रयोग न्यायाधीश के अर्थ में भी होता है। बोलचाल की भाषा में अदालत को कचहरी भी कहते हैं।

History Of The Courts In India
भारत में न्यायालय का इतिहास

The Present System Of Indian Courts Is Not Associated With Any Particular Ancient Tradition. Two Main Courts Are Mentioned In The Mughal Period.
भारतीय न्यायालयों की वर्तमान प्रणाली किसी विशेष प्राचीन परंपरा से संबद्ध नहीं है। मुगल काल में दो प्रमुख न्यायालयों का उल्लेख मिलता है।

1
SADAR CIVIL COURT सदर दीवानी अदालत
2
SADAR NIZAM-E-ADALAT सदर निजाम-ए-अदालत

Where Respectively Behaviorism And Criminal Cases Were Heard.  Following The Failed Independence War Of 1857 AD, Various Courts Were Formed On The Basis Of The English Justice And Administration System.  The Previ Council In England Was The Supreme Court Of India.  In 1947, The Country Became Independent And Thereafter, A Fully-Dominated Republic Of Republic Was Established Under The Indian Constitution.  The Supreme Court (Supreme Court) Is The Supreme Court Of India.
जहाँ क्रमशः व्यवहारवाद तथा आपराधिक मामलों की सुनवाई होती थी। सन् 1857 ई. के असफल स्वातंत्र्ययुद्ध के पश्चात् अंग्रेजी न्याय-प्रशासन-प्रणाली के आधार पर विभिन्न न्यायालयों की सृष्टि हुई। इंग्लैंड में स्थित प्रिवी काउंसिल भारत की सर्वोच्च न्यायालय थी। सन् 1947 ई. में देश स्वतंत्र हुआ और तत्पश्चात् भारतीय संविधान के अंतर्गत संपूर्ण-प्रभुत्व संपन्न गणराज्य की स्थापना हुई। उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) भारत का सर्वोच्च न्यायालय बना।
















This Post Was Last Modified On 29/May/2019 And 11:33am

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