LOK
SABHA
|
लोक सभा
|
|||
Lok
Sabha Is The Lower House Of The Indian Parliament. The Lok Sabha Is Constituted By The People
Elected By The Direct Election By The People On The Basis Of Universal Adult
Franchise. According To The Indian
Constitution, The Maximum Number Of Members In The House Can Be Up To 552,
Out Of Which 530 Members Can Represent Different States And 20 Member
Uts. In The Absence Of Adequate
Representation In The House [President Of India], If Desired, The
[Anglo-Indians] Community Can Nominate Two Representatives For The Lok Sabha.
|
लोक सभा भारतीय संसद का निचला सदन है। लोक सभा सार्वभौमिक
वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों
से गठित होती है। भारतीय संविधान के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है,
जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते
हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में [भारत का राष्ट्रपति]
यदि चाहे तो [आंग्ल-भारतीय] समुदाय के 2 प्रतिनिधियों को
लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है।
|
|||
First
Lok Sabha After The First General Election Of 1952, The Country Got Its First
Lok Sabha. Indian National Congress
Reached Power By Winning With 260 Seats.
With This, Jawaharlal Nehru Became The First Prime Minister Of India.
|
प्रथम लोक सभा 1952 पहले आम चुनाव होने के बाद देश को अपनी पहली लोक सभा मिली। भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस 260
सीटों के साथ जीत
हासिल करके सत्ता में पहुँची। इसके साथ ही जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री
बने।
|
|||
The
Working Hours Of The Lok Sabha Are 5 Years But It Can Be Dissolved
Prematurely. If Not Dissolved Before
The Time, The Tenure Of The Lok Sabha Takes Place From Its First Meeting To
The Next Five Years, After Which It Is Automatically Dissolved. If The Emergency Is Declared During The
Tenure Of The Lok Sabha, Parliament Has The Right To Extend Its Term By Law
To Maximum One Year At A Time, While In The Event Of The Declaration Of
Emergency, Can Not Be Extended Beyond.
|
लोकसभा की कार्यावधि 5 वर्ष है परंतु इसे समय से पूर्व भंग किया जा सकता है। यदि
समय से पहले भंग ना किया जाये तो, लोक सभा का कार्यकाल अपनी
पहली बैठक से लेकर अगले पाँच वर्ष तक होता है उसके बाद यह स्वत: भंग हो जाती है।
लोक सभा के कार्यकाल के दौरान यदि आपातकाल की घोषणा की जाती है तो संसद को इसका कार्यकाल
कानून के द्वारा एक समय में अधिकतम एक वर्ष तक बढ़ाने का अधिकार है, जबकि आपातकाल की घोषणा समाप्त होने की स्थिति में इसे किसी
भी परिस्थिति में छ: महीने से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।
|
|||
This Post Was Last Modified On 26/June/2019 And 11:37am
No comments:
Post a Comment