TUGLAK
DYNASTY
तुगलक वंश
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(1)
GAYASUDDIN TUGLAK
गयासुद्दीन तुगलक
1320 - 1325
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After Khusro's Assassination,
Ghazuddin Tughlaq Sat On The Throne In The Name Of Gazituddin Tughlaq Shah
Ghazi, On 8 September 1320, He Failed 29 Times The Rule Of Mongols. The First
Sultan To Build The Gaishudin Canals Was He Established A Town Called
Tughlakabad Near Delhi. On Returning From Bengal Campaign, Sultan Died In
1325 Ad After The Collapse Of A Wooden Palace Built By Son Jonakh In Afganpur
Located 5-6 Miles From Delhi. Its Tomb Is Panchabhuji Which Is Located In The
Artificial Lake.
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खुसरो की हत्या के पश्चात् ग्यासुद्दीन तुगलक 8 सितम्बर 1320 ई. को ग्यासुद्दीन तुगलक शाह गाजी के नाम से सिंहासन पर बैठा,
उसने 29 बार मंगोलों के शासन को विफल किया। ग्यासुद्दीन
नहरों का निर्माण करने वाला पहला सुल्तान था। उसने दिल्ली के पास तुगलकाबाद नामक
नगर स्थापित किया। बंगाल के अभियान से वापस आते समय दिल्ली से 5 - 6 मील दूर स्थित अफगानपुर में पुत्र जौनाखां द्वारा
निर्मित काष्ठ महल के गिर जाने से 1325 ई. में सुल्तान की मृत्यु हो गई। इसका मकबरा पंचभुजीय है जो
कृत्रिम झील में अवस्थित है।
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(2)
MUHAMMAD BIN TUGLAK
मुहम्मद बिन तुगलक
1325 -1351
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After The Death Of Gaisuddin Tughlaq
In 1325 Ad, His Son Jaunakhan Sat On The Throne Of Delhi Sultanate Under The
Name Of "Muhammad Bin Tughluq". Most Rebellions Occurred During The
Rule Of Muhammad Bin Tughluq. During The Period Of Muhammad Bin Tughluq, The
Vijayanagar And Bahamani Kingdoms Were Established In South India.
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1325 ई. में ग्यासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के पश्चात् उसका पुत्र
जौनाखां "मुहम्मद बिन तुगलक" के नाम से दिल्ली सल्तनत के राजसिंहासन पर
बैठा। मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में सर्वाधिक विद्रोह हुए। मुहम्मद बिन तुगलक
के काल में दक्षिण भारत में विजयनगर एवं बहमनी साम्राज्य की स्थापना हुई।
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Sultan Muhammad Bin Tughluq Died On
20 March 1351 Due To Fever Due To Fever At A Place Called Thatta.
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20 मार्च 1351 ई. में थट्टा नामक स्थान पर ज्वर से पीड़ित होने के कारण सुल्तान
मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु हुई।
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The Capital Of Delhi Sultanate Was
Transferred To Daulatabad.
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दिल्ली सल्तनत की राजधानी को दौलताबाद स्थानान्तरण किया।
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The Name Of Agriculture Department,
Produced By Muhammad Bin Tughluq, Was Named Dewan-E-Kohi.
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मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा निर्मित कृषि विभाग का नाम दीवान - ए - कोही रखा गया
था।
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The Moroccan Resident "Ibn
Batutta" Came To Delhi In 1333 Ad During The Rule Of Muhammad Bin
Tughluq.
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मोरक्को निवासी "इब्नबतूता" मुहम्मद बिन तुगलक के शासन काल में 1333
ई. में दिल्ली आया था।
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(3)
FIROZ SHAH TUGLAK
फ़िरोज़ शाह तुगलक
1351 - 1388
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After The Death Of Muhammad Bin
Tughluq, On 23 March 1351 Ad, The Coronation Of Feroze Shah Tughlaq Was Done
In A Joke.
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मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु के उपरान्त 23 मार्च 1351 ई. को फिरोज शाह तुगलक का राज्याभिषेक थट्टा में किया गया।
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Firoz Shah Tughlaq Ordered Two
Pillars Of Ashoka With A Khizabad And Second From Meerut.
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फिरोज शाह तुगलक ने अशोक के दो स्तम्भों को एक खिज़ाबाद तथा दूसरा मेरठ से दिल्ली
मंगाया था।
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Firoz Shah Tughlaq Had Established
Hisar, Ferozepur, Jaunpur And Ferozabad Cities.
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फिरोज शाह तुगलक ने हिसार, फिरोजपुर, जौनपुर एवं फिरोजाबाद
नगरों की स्थापना की थी।
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Firoz Had Set Up An Employment
Office, Which Provided Jobs To The Unemployed.
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फिरोज ने रोजगार दफ्तर स्थापित किया था, जो बेरोजगारों को कार्य दिलाता था।
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Firoz Shah Tughlaq Established The
"Deewani Khairat" Department And Arranged To Provide Financial
Assistance To The Muslim Orphans, Widows.
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फिरोज शाह तुगलक ने "दीवाने खैरात" विभाग स्थापित कर मुस्लिम अनाथ
स्त्रियों, विधवाओं को आर्थिक
सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की थी।
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Firoz Shah Tughlaq Established
Diwan-E-Bandung (Das Department). The Number Of Slaves In His Lifetime Was 1
Lakh 80 Thousand.
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फिरोज शाह तुगलक ने दीवान - ए - बंदगान (दास विभाग) की स्थापना की। उसके काल
में दासों की संख्या 1 लाख 80 हजार थी।
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He Was The First Sultan Of The
Sultans Of Delhi, Who Had Given Prominence In The Laws Of Islam And The Rule
Of The Ulema Class Under The Rule Of The State.
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दिल्ली के सुल्तानों में वह प्रथम सुल्तान था, जिसने इस्लाम के कानूनों और उलेमा वर्ग को राज्य के शासन में
प्रधानता दी थी।
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Firoz Shah Tughlaq Made The Posts Of
Government Posts And Soldiers' Hereditary.
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फिरोज शाह तुगलक ने सरकारी पदों एवं सैनिकों के पदों को ' वंशानुगत बना दिया।
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The Biggest Achievement Of His
Administration Was The Excavation Of Canals To Overcome The Shortage Of Water
In The Areas Of Hansi And Sirsa.
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उसके प्रशासन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी हांसी तथा सिरसा के क्षेत्रों में पानी
की कमी को दूर करने के लिए नहरों की खुदाई।
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Firoz Planted 1200 Gardens And Built
300 Cities.
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फिरोज ने 1200 बाग लगवाए तथा 300
नगर बसाए।
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Firoz Issued Coins Named Copper And Silver
Coins Of Silver.
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फिरोज ने तांबे के अद्धा तथा चांदी के बिख नामक सिक्के जारी किए।
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Firoz Ended Up With 24 Tax-Free
Taxes, And Only Four Tax Duties, Hoards, Jizya And Jakat.
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फिरोज ने 24 कष्टदायक करों को
समाप्त कर केवल चार कर खराज, खुम्स, जजिया व जकात ही
लिये।
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Firoz Tughlaq Died In 1388 Ad And
With The Death Of The Delhi Sultanate, The Dissolution And Succession
Started.
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फिरोज तुगलक की मृत्यु 1388 ई. में हो गयी और उसकी मृत्यु के साथ दिल्ली सल्तनत का विघटन एवं उत्तराधिकार
का युद्ध प्रारम्भ हो गया था।
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(4)
GAYASUDDIN TUGLAK II
गयासुद्दीन तुगलक II
1388 - 1390
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After The Death Of Firoz Shah
Tughlaq In September 1388 Ad, The Son Of His Grandson Fateh Khan Sat On The
Throne In The Name Of "Tughlaq Shah", "Ghazishuddin
Tughlaq" II.
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सितम्बर 1388 ई. में फिरोज शाह
तुगलक की मृत्यु के उपरान्त उसके पोते फतेह खां का पुत्र "तुगलक शाह" “ग्यासुद्दीन तुगलक "द्वितीय" के नाम
से सिंहासन पर बैठा।
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(5)
SHAHZADA MUHAMMAD
शहजादा मुहम्मद
1390 - 1394
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In 1390, Shahzada Muhammad Made His
Right To The Throne Of Delhi Sultanate, But Shahzada Muhammad Could Not Even
Rule For Long. Due To Luxury And Drinking, He Died In January 1394.
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1390 ई. में शहजादा मुहम्मद ने दिल्ली सल्तनत के राजसिंहासन पर
अपना अधिकार जमाया, किन्तु शहजादा मुहम्मद
भी अधिक समय तक शासन नहीं कर सका। विलासिता तथा मद्यपान के कारण जनवरी 1394
ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
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(6)
HUMAYUN
हुमायूँ
1394 - 1395
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Humayun, The Successor Of Shahzada
Muhammad, Died On 8 March 1395. After Humayun Muhammad's Youngest Son
Nasiruddin Mahmud Sat On The Throne Of Delhi Sultanate.
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शहजादा मुहम्मद का उत्तराधिकारी हुमायूँ
हुआ, जिसकी 8
मार्च 1395 ई. को मृत्यु हो गई। हुमायूँ के पश्चात् मुहम्मद
का सबसे छोटा पुत्र नासिरुद्दीन महमूद दिल्ली सल्तनत के राजसिंहासन पर बैठा।
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(7)
NASIRUDDIN MEHMOOD
नासिरुद्दीन महमूद
1395 -1414
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In The Reign Of Nasiruddin Mehmood,
Timur Invaded India In 1398 Ad. Nasiruddin Mehmood Ruled Till 1413 Ad.
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नासिरुद्दीन महमूद के शासनकाल में ही 1398 ई. में तैमूर ने भारत पर आक्रमण किया। नासिरुद्दीन महमूद ने
1413 ई. तक ही शासन किया।
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(8)
DAULAT KHAN LODI
दौलत खां लोदी
1414
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After The Death Of Nasiruddin
Mehmood, Delhi's Sardars Chose Daulat Khan Lodhi As Sultan Of Delhi.
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नासिरुद्दीन महमूद मृत्यु के उपरांत दिल्ली के सरदारों ने दौलत खां लोदी को दिल्ली
का सुल्तान चुना।
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1320 - 1414 (Almost 94 Years 94 वर्ष लगभग)
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