MUGHAL
DYNASTY
मुगल वंश
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Jahiruddin
Babar Was Born On 24 February 1453 In Farringa. Her Father Was The Ruler Of
Umarshek Mirza Fargana. Babar's Mother Was Kuttugugir In The First Battle Of
Panipat, Babar Adopted The Tulugama War Method For The First Time. Ustad Ali
And Mustafa Babar's Famous Shooter (Gunner), After The Victory In The Khanwa
War, Babur Assumed The Title Of Ghazi. He Declared This War As A Jehad. After
The Victory Of The Panipat War, Babar Gave Each And Every Resident Of Kabul A
Coin Of Silver. For This Generosity He Was Given The Title Of Kalandar. Babar
Composed His Autobiography In Turkish Language Babuji Babri (Babarnama),
Whose Persian Translation Was Translated By Abdul Rahim Khankhana As Babar To
Be The Originator Of The Museean Verse Style. He Was A Follower Of The
Invented Sufi Saint Khwaja Ubaidullah Aharkar. Babar Died On December 27,
1530, At The Age Of 48 Years. He Was Buried In Agra's Arambagh And Later
Buried In Kabul As Per His Previous Wish.
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(1)
ZAHIRUDDIN MUHAMMAD BABAR
जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर
1526 - 1530
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जहीरूद्दीन बाबर का जन्म 24 फरवरी 1453 ई. को फरगना में हुआ था।
उसके पिता उमरशेख मिर्जा फरगना के शासक थे। बाबर की माता कुतलुगनिगार थीं। पानीपत
के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुलुगमा युद्ध पद्वति अपनायी। उस्ताद अली एवं
मुस्तफ बाबर के प्रसिद्ध निशानेबाज (तोपची) थे खानवा युद्ध में विजय के बाद बाबर
ने गाजी की उपाधि धारण की। इस युद्ध को उसने जेहाद घोषित किया था। पानीपत युद्ध की
विजय के बाद बाबर ने काबुल के प्रत्येक निवासी को चांदी का एक - एक सिक्का दिया।
इस उदारता के लिए उसे कलन्दर की उपाधि दी गयी। बाबर ने तुर्की भाषा में अपनी आत्मकथा
तुजुके बाबरी (बाबरनामा) की रचना की,
जिसका फारसी अनुवाद
अब्दुल रहीम खानखाना ने बाबर को मुबईयान पद्य शैली का जन्मदाता माना जाता है। वह
नक्शबंदी सूफी संत ख्वाजा उबैदुल्ला अह्रार का अनुयायी था। लगभग 48 वर्ष की आयु में 27 दिसम्बर 1530 को बाबर की मृत्यु हो गयी।
उसे आगरा के आरामबाग में दफनाया गया तथा बाद में उसकी पूर्व इच्छानुसार काबुल में
दफनाया गया।
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Humayun
Established The City Of Dinapnah In 1533 Ad. On May 17, 1540, The Battle Of
Kannauj (Bilgram) Was Fought Between Humayun And Sher Shah, In Which Humayun
Was Defeated And Sher Shah Took Control Over Delhi And Agra.
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(2)
NASIRUDDIN MUHAMMAD HUMAYUN
नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ
1530 - 1540
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हुमायूँ ने 1533
ई. में दीनपनाह
नामक नगर की स्थापना की। 17 मई 1540 को हुमायूँ और शेरशाह के मध्य कन्नौज (बिलग्राम) का युद्ध
हुआ, जिसमें हुमायूँ पराजित हुआ
तथा शेर शाह ने दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया।
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Mughal
Dynasty Half Time ™
मुगल वंश मध्यांतर
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↯
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Mughal
Dynasty (Restart) ®
मुगल वंश (पुनःप्रारंभ)
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In
1540 Humayun Was Defeated By Sher Shah Suri Of The Suri Dynasty, But In 1555
The Throne Came Back After The Death Of "Humayun" Islam Shah Suri
(Son And Successor To Sher Shah Suri).
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(2)
NASIRUDDIN MUHAMMAD HUMAYUN
नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ
1555 - 1556
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1540 में सुरी वंश के शेर शाह
सूरी द्वारा हुमायूँ को उखाड़ फेंक दिया गया था, लेकिन "हुमायूँ" इस्लाम शाह सूरी (शेर शाह सूरी
के पुत्र और उत्तराधिकारी) की मृत्यु के बाद 1555 में सिंहासन लौट आया था।
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On
October 15, 1542, Muhammad Akbar Was Born In The Palace Of Rana Veersaal In
Amarkot. His Coronation Was Held On 14 February 1556 In Kalanaur, Punjab.
Jalaluddin Muhammad Akbar The Emperor Sat On Rajasimhan Under The Name Of
Ghazi.
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(3)
JALALUDDIN MUHAMMAD AKBAR
जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
1556 - 1605
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15 अक्टूबर 1542 ई. को मुहम्मद अकबर का जन्म अमरकोट में राणा वीरसाल के महल
में हुआ था। 14 फरवरी 1556 को पंजाब के कलनौर में उसका राज्याभिषेक हुआ। जलालुद्दीन मुहम्मद
अकबर बादशाही गाजी के नाम से राजसिंहासन पर बैठा।
|
By
1556 - 1560, Bairam Khan Was The Patron Of Akbar. Akbar And Hemu Took Part In
The Second Battle Of Panipat On November 5, 1556, In Which Akbar Was
Victorious. From 1560 To 1562, Akbar Was Under The Influence Of Haram Dal. In
1560, Akbar Ordered Bairam Khan To Travel To Mecca. On The Way To Mecca,
Mubarak Khan Murdered Bairam Khan In Patan.
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1556 -
1560 तक बैरम खाँ अकबर
का संरक्षक रहा। अकबर तथा हेमू के मध्य 5 नवम्बर 1556 को पानीपत का द्वितीय युद्ध हुआ, जिसमें अकबर विजयी रहा। 1560 - 1562 तक अकबर हरम दल के प्रभाव
में रहा। 1560 में अकबर ने बैरम खाँ को
मक्का यात्रा का आदेश दिया। मक्का जाते समय पाटन में मुबारक खाँ ने बैरम खाँ की हत्या
कर दी।
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Manashbadari
Practice Was The Main Feature Of Akbar's Administration. Kurodi Was Appointed
To Implement Chashash System 1580. Toddler Implemented The Staunch System.
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मनसबदारी प्रथा अकबर के प्रशासन की प्रमुख विशेषता थी । दहशाला
व्यवस्था 1580 को लागू करने के लिए किरोड़ी
की नियुक्ति की गयी। दहशाला व्यवस्था को टोडरमल ने लागू किया।
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Abuj
Fazal Composed Akbarnama (Ain-E-Akbari). Abul Fazl's Elder Brother, Fazi
Akbar, Was The Prince. The Killing Of Abul Fazl, Who Was Heading Towards Agra
From South, Was Done In 1602 By Veer Singh Bundela On The Instructions Of
Salim (Jahangir).
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अबुज फजल ने अकबरनामा (आइन-ए-अकबरी) की रचना की। अबुल फजल
के बड़े भाई फैजी अकबर के राजकवि थे। दक्षिण से आगरा की ओर जा रहे अबुल फजल की हत्या
1602 में सलीम (जहाँगीर) के निर्देश
पर वीर सिंह बुन्देला ने कर दी।
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Birbal
Was Murdered While Suppressing The Yusufajah Rebellion. Birbal's Childhood
Name Was Mahesh Das.
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युसूफजाइयों के विद्रोह को दबाने के दौरान बीरबल की हत्या
हो गयी। बीरबल के बचपन का नाम महेश दास था।
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1. The
Title Of Shirikalam To The Painter Abdusamad
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DEGREES GIVEN BY AKBAR
अकबर द्वारा दी गई उपाधियां
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1. चित्रकार अब्दुस्समद को
शीरीकलम की उपाधि
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2. The
Title Of The Pen Of Muhammad Hussein.
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2. मुहम्मद हुसैन को जरी कलम
की उपाधि
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3. The
Title Of Amir-Ul-Umra, Son Of Raja Bharmal, The Son Of King Bharmal Of Amer.
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3. आमेर के राजा भारमल के पुत्र
भगवान वास को अमीर-उल-उमरा की उपाधि
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4.
Birbal Was The Title Of The Poet.
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4. बीरबल को कविप्रिय की उपाधि
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5. The
Title Of Mahapatra To Narahari
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5. नरहरि को महापात्र की उपाधि
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6 Jain
Acharya Harivijay Suri To Jagatguru Degree
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6. जैन आचार्य हरिविजय सूरि
को जगतगुरु की उपाधि
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7.
Growth Speech Vilas Degree To Music Emperor Tansen
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7. संगीत सम्राट तानसेन को
कण्ठाभरण वाणी विलास की उपाधि
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Dashwant
And Basavan Were Famous Painters Of His Court. Bajbahadur, Baiju Bawra And
Ramdas Were Prominent Singers Of Akbar Era.
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(3)
JALALUDDIN MUHAMMAD AKBAR
जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
1556 - 1605
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दसवंत एवं बसावन उसके दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार थे। बाजबहादुर, बैजू बावरा तथा रामदास अकबर काल के प्रमुख गायक थे।
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Persian
Was The Official Language Of The Mughals. Akbar Had Chaired The Establishment
Of The Translation Department, Faizi. Translation Of Mahabharata In Persian
Was Done By Badayuni, Nakib Khan And Abdul Qadir In The Name Of Resumma.
Maulana Hussain Faiz Translated The Panchatantra Into Persian, In The Name Of
Yar-E-Danish.
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फारसी मुगलों की राजभाषा थी। अकबर ने अनुवाद विभाग की स्थापना
फैजी की अध्यक्षता की थी। महाभारत का फारसी में अनुवाद बदायूँनी , नकीब खाँ एवं अब्दुल कादिर ने रज्मनामा के नाम से किया। मौलाना
हुसैन फैज ने यार-ए-दानिश नाम से पंचतंत्र का फारसी में अनुवाद किया।
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In
1571 Akbar Founded Fatehpur Sikri, 36 Km Away From Agra And Constructed
Buland Darwaza In It. Construction Of Buland Darwas Was Done In The
Celebration Of Gujarat Victory, Akbar Established A New Religion Called
Din-E-Elahi (Tauhid-E-Elahi) For The Purpose Of Religious Discussions In
Fatehpur Sikri And To Know The Best Principles Of All Religions. . Birbal Was
The First And Last Hindu To Accept Din-E-Elahi. Akbar Was The Chief Priest Of
Din-E-Elahi.
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अकबर ने 1571
में आगरा से 36 किमी दूर फतेहपुर सीकरी की स्थापना की तथा उसमें बुलन्द दरवाजा
बनवाया। बुलन्द दरवाजे का निर्माण गुजरात विजय के उपलक्ष्य में कराया गया, अकबर ने फतेहपुर सीकरी में धार्मिक परिचर्चाओं के लिए इबादतखाने
तथा सभी धर्मों के उत्तम सिद्धांतों को जानने के लिए दीन-ए-इलाही (तौहीद-ए-इलाही)
नामक नए धर्म की स्थापना की। बीरबल दीन-ए-इलाही को स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अंतिम
हिन्दू था। अकबर ही दीन-ए-इलाही का प्रधान पुरोहित था।
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The
Important Works Of Akbar In The Field Of Architecture Are Humayun's Tomb In
Delhi, Lalkila Of Agra, Shahimahal In Fatehpur Sikri, Dewan Special,
Panchmahal, Buland Darwaza, Jodha Bai's Palace, Ibadat Khan, Allahabad Fort
And Lahore Fort.
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स्थापत्यकला के क्षेत्र में अकबर की महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं
दिल्ली में हुमायूँ का मकबरा , आगरा का लालकिला , फतेहपुर सिकरी में शाहीमहल , दीवाने खास ,
पंचमहल , बुलंद दरवाजा ,
जोधाबाई का महल
, इबादत खाना , इलाहाबाद का किला और लाहौर का किला।
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On 18
June 1576 Ad, The Battle Of Haldighati Was Fought Between Maharana Pratap And
Akbar, Ruler Of Mewar, In Which Akbar Was Victorious. Man Singh And Asaf Khan
Have Led The Mughal Army In This War. Maharana Pratap Died On 19 February
1597 At The Age Of 57.
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18 जून 1576 ई. को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और अकबर के मध्य हल्दीघाटी
का युद्ध हुआ, जिसमें अकबर विजयी रहा।
इस युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व मान सिंह एवं आसफ खाँ ने किया। 19 फरवरी 1597 को 57 वर्ष की उम्र में महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गयी।
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Akbar
Died In 1605 Ad And Was Buried In Sikandra Near Agra. Akbar's Tomb Was
Constructed By Jahangir.
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1605 ई. में अकबर की मृत्यु हो
गयी तथा उसे आगरा के निकट सिकन्दरा में दफनाया गया। जहाँगीर द्वारा अकबर के मकबरे
का निर्माण करवाया गया।
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Salim
(Jahangir) Was The Successor Of Akbar, Who Sat On The Throne After The
Emperor Akbar. Nuruddin Muhammad Salim Jahangir Was Born On August 30, 1569.
Sheikh Salim Was A Contemporary Of Chishti Akbar, Whose Prayer Was The Birth
Of Jahangir, After The Name Of Sheikh Salim Chisti, The Name Of The Princess
Was Named After Him.
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(4)
NURUDDIN MUHAMMAD SALIM JAHANGIR
नूरुद्दीन मुहम्मद सलीम जहाँगीर
1605 - 1627
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सलीम (जहाँगीर) अकबर का उत्तराधिकारी था जो बादशाह अकबर के
बाद राजसिंहासन पर बैठा। नूरुद्दीन मुहम्मद सलीम जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त 1569 में हुआ था। शेख सलीम चिश्ती
अकबर के समकालीन थे जिनकी दुवा से जहाँगीर का जन्म हुआ था शेख सलीम चिश्ती के नाम
पर ही शहजादे का नाम रखा गया था।
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In
1611, Mehrunnisha, Who Came From Mehrunnisha After The Marriage Of Jahangir
In 1611, Was Later Known As Noorjahan, In 1627 Jahangir Died In Bhimwar,
Noorjahan Constructed Jahangir's Tomb At Shahdara Near Lahore. Khusro,
Parvez, Khurram, Shahiar, Jahandar Were Jahangir's Five Sons, Jahangir Gave
Khurram The Title Of Shah Jahan.
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1611 में जहाँगीर का निकाह मेहरूननिशा
से हुआ मेहरूननिशा बाद में नूरजहाँ के नाम से जानी गई, 1627 में जहाँगीर की मृत्यु भीमवार में हुई, नूरजहाँ ने लाहौर के निकट शाहदरा में जहाँगीर का मकबरे का
निर्माण करवाया। खुसरो, परवेज, खुर्रम, शहरयार, जहाँदार ये जहाँगीर के पाँच बेटे थे जहाँगीर ने खुर्रम को
शाहजहाँ की उपाधि प्रदान की थी।
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Shah
Jahan Was Married To Noor Jahan's Brother Asaf Khan's Daughter, Arjumandabanu
Begum, Who Became Famous As Mumtaz Mahal, Shah Jahan Gave Him The Title Of
Malika-E-Jamiani. Mumtaz Died On June 7, 1631.
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(5)
SHAHABUDDIN MUHAMMAD KHURRAM SHAHJAHAN
शहाबुद्दीन मुहम्मद ख़ुर्रम शाहजहाँ
1627 - 1657
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शाहजहाँ का निकाह नूरजहाँ के भाई आसफ खां की बेटी अर्जुमन्दबानो
बैगम से हुआ, जो मुमताज महल के नाम से
प्रसिद्ध हुई शाहजहाँ ने उसे मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की। 7 जून 1631 को मुमताज की मृत्यु हो
गई।
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The
City Of Red Fort And Shahjahanabad Was Built By The Mughal Emperor Shah Jahan
In 1639 Ad.
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लाल किला एवं शाहजहाँनाबाद का शहर, मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा ई. 1639 में बनवाया गया था।
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Shah
Jahan Built Himself And His Mumtaz Mausoleum Mausoleum In Agra, Which Is
Famous As The Tajmahal, The Construction Of The Taj Mahal Started From 1632,
Which Took About 20 Years To Build.
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शाहजहाँ ने स्वंय अपना और अपनी बैगम मुमताज महल का मकबरा आगरा
में बनवाया जो ताजमहल के नाम से प्रसिद्ध है ताजमहल का निर्माण 1632 से आरम्भ हुआ जिसे बनने में लगभग 20 साल का समय लगा।
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The
Struggle For Succession Began In Shah Jahan's Sickness, And In 1658,
Aurangzeb (Alamgir) Sat On The Throne.
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शाहजहाँ के बिमार होने पर उसके पुत्रो में उत्तराधिकार के
लिए संघर्ष आरम्भ हो गया और 1658 में औरंगजेब (आलमगीर) नाम
से राजसिंहासन पर बैठा ।
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Aurangzeb
Was Born On November 3, 1618 At The Place Of Dohad Of Ujjain On 18 May 1637
Aurangzeb's Marriage With Dilrass Bano Begum (Rabia) Of Persia Raj Bharana,
Aurangzeb Constructed A Replica Of Taj Mahal (1679) At The Request Of His Vv,
It Is Known In The Name Of Vv's Tomb Or The Second Taj Mahal, Located In Aurangabad
And Aurangzeb Constructed The Moti Masjid In Red Fort, Aurangzeb's Death On 3
March 1707 There Was Ahmednagar.
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(6)
HAZRAT MUINUDDIN MUHAMMAD AURANGZEB ALAMGIR
हजरत मुइनुद्दीन मुहम्मद औरंगजेब आलमगीर
1658 - 1707
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औरंगजेब का जन्म 3 नवंबर 1618 को उज्जैन के दोहद नामक स्थान पर हुआ 18 मई 1637 को औरंगजेब का निकाह फारस
राजघराने की दिलरास वानो बैगम (राबिया) से हुआ औरंगजेब ने अपनी वीवी के आग्रह पर
ताजमहल की प्रतिकृति का निर्माण (1679)
में करवाया, जिसे वीवी का मकबरा या द्वितीय ताजमहल के नाम से जाना जाता
है ये औरंगाबाद में स्थित है और लाल किले में स्थित मोती मस्जिद का निर्माण भी औरंगजेब
ने कराया था औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 में अहमदनगर में हुई।
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Muazzam,
Bahadur Shah Became The Mughal Ruler With The Title Of First, It Is Also
Called Shah Alam First.
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(7)
QUTBUDDIN MUHAMMAD MUAZZAM BAHADUR
SHAH ZAFAR A.K.A. SHAH ALAM I
क़ुतुबुद्दीन मुहम्मद मुअज्जम बहादुर शाह जफर उर्फ शाह आलम I
1707 - 1712
|
मुअज्जम, बहादुर शाह प्रथम की उपाधि
के साथ मुगल शासक बना, इसे शाह आलम प्रथम भी कहा
जाता है।
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Jahandar
Shah Made Jaysingh The Title Of Mirza Raja Sabhai And The Governor Of Malwa,
The Title Of Maharaj And Maharaja Of Gujarat And Governor Of Gujarat.
Zulfiqar Khan, The Prime Minister Of The Jahandar Shah.
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(8)
MAJUDDIN JAHANDAR SHAH BAHADUR
माजुद्दीन जहाँदार शाह बहादुर
1712 - 1713
|
जहाँदार शाह ने जयसिंह को मिर्जा राजा सबाई की उपाधि और मालवा
का गवर्नर, अजीत सिंह को महाराज की
उपाधि और गुजरात का गवर्नर बना दिया। जुल्फिकार खाँ, जहाँदार शाह का प्रधानमंत्री था।
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Farrukhshiyar
Sayyad Sitting On Delhi's Throne With The Help Of Bandhus. It Was The Son Of
Azimushashan.
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(9)
FARRUKHSHIYAR
फर्रुख्शियार
1713 - 1719
|
फर्रुख्शियार सैय्यद बन्धुओं की सहायता से दिल्ली की गद्दी
पर बैठा। यह अजीमुश्शान का बेटा था।
|
After
Farrukhshiyar, Hussain Ali Of Syed Bundhu Sat On The Throne Of Rafi-Ud-Durjat
And Rafi-Ud-Daula In Delhi.
|
(10)
RAFI-UD-DURJAT
रफी-उद्-दरजात
1719
कार्यकाल 28
फरवरी 1719 से 6 जून 1719
(98 दिन)
|
फर्रुख्शियार के बाद सैय्यद बन्धु के हुसैन अली ने रफी-उद्-दरजात
तथा रफी-उद्-दौला को दिल्ली की गद्दी पर बैठाया।
|
After
Farrukhshiyar, Hussain Ali Of Syed Bundhu Sat On The Throne Of Rafi-Ud-Durjat
And Rafi-Ud-Daula In Delhi.
|
(11)
RAFI-DL-DAULA
रफी-उद्-दौला
1719
कार्यकाल 6 जून 1719 से 19 सितम्बर 1719
(105 दिन)
|
फर्रुख्शियार के बाद सैय्यद बन्धु के हुसैन अली ने रफी-उद्-दरजात
तथा रफी-उद्-दौला को दिल्ली की गद्दी पर बैठाया।
|
After
Rafi-Ud-Durjat And Rafi-Ud-Daula Who Died From The Disease, Jahangir Shah's
18-Year-Old Son Raushan Akhtar Was Made The Ruler After Muhammad Shah.
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(12)
MUHAMMAD SHAH ROSHAN AKHTAR BAHADUR
मुहम्मद शाह रोशन अख्तर बहादुर
1719 - 1748
|
रफी-उद्-दरजात और रफी-उद्-दौला जो बिमारी से मर गए थे, के बाद जहाँगीर शाह के 18 वर्षीय पुत्र रौशन अख्तर को मुहम्मद शाह के नाम से शासक बनाया
गया।
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Ahmed
Shah Bahadur Was The Son Of Muhammad Shah (Mughal) And After His Father In
1748, At The Age Of 23, He Became A Mughal Emperor. Its Mother Was Udhambai,
Who Was Famous As Kudasia Begum.
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(13)
AHMAD SHAH BAHADUR
अहमद शाह बहादुर
1748 - 1754
|
अहमद शाह बहादुर, मुहम्मद शाह (मुगल)
का पुत्र था और अपने पिता के बाद १७४८ में 23 वर्ष की आयु में मुगल सम्राट बना। इसकी माता उधमबाई थी, जो कुदसिया बेगम के नाम से प्रसिद्ध थीं।
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Alamgir
Ii Was The Son Of Jahandar Shah, 3 June 1754 - 11 December 1759 Was A Mughal
Emperor In India.
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(14)
AZIZUDDIN & ALAMGIR II
अज़ीज़ुद्दीन & आलमगीर II
1754 - 1759
|
आलमगीर द्वितीय जहाँदार शाह का बेटा था 3 जून 1754 -
11 दिसंबर 1759 भारत में मुगल सम्राट रहे।
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Shahjahan
Iii (شاه جہان 3), Which Is
Called Muhi-Ul-Millat, Who Was A Mughal Emperor Muhi Was The Son Of
That-Sunnat And Eldest (Senior) Son Of Muhammad Kam Bakhsh, Who Was The
Youngest Son Of Aurangzeb. It Was Seated In 1759 But It Was Removed In 1760
By Its Own Vizier Only.
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(15)
MUHI-UL-MILLAT & SHAH JAHAN III
मुही-उल-मिल्लत & शाहजहाँ III
1759 - 1760
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शाहजहां तृतीय (شاه جہان ۳) जिसे मुही-उल-मिल्लत
कहा गया है, जो मुगल सम्राट थे। मुही
उस-सुन्नत का पुत्र और मुहम्मद कम बख्श का ज्येष्ठ (वरिष्ठ) पुत्र था, जो औरंगज़ेब का कनिष्ठ पुत्र था। इसे 1759 में गद्दी पर बैठाया गया किंतु 1760 में ही अपने ही वज़ीर द्वारा हटा दित्या गया।
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During
The Reign Of Shah Alam Ii, The British Took Control Over Delhi. In 1806
Ghulam Qadir Khan Murdered Shah Alam Ii.
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(16)
ALI GAUHAR & SHAH ALAM II
अली गौहर & शाह आलम II
1759 – 1806
कार्यकाल 24
दिसंबर 1759 - 19 नवंबर 1806
|
शाह आलम द्वितीय के शासनकाल में अंग्रेजों ने दिल्ली पर अधिकार
कर लिया। 1806 में गुलाम कादिर खाँ ने
शाहआलम द्वितीय की हत्या करवा दी।
|
Akbar
Became The Mughal Ruler Under The Protection Of The Second British. This Was
The First Mughal To Become The Ruler Of The British Patronage. It Was The
Second Son Of Shah Alam Ii And Father Of Bahadur Shah Zafar, Akbar Ii Was
Known As Akbar Shah Ii. It Gave King Rammohan Roy The Title Of 'Raja'.
|
(17)
MIRZA AKBAR OR AKBAR SHAH SANI &
AKBAR II
मिर्ज़ा अकबर या अकबर शाह सानी & अकबर II
1806 - 1837
|
अकबर द्वितीय अंग्रेजों के संरक्षण में मुगल शासक बना। अंग्रेजों
के संरक्षण में शासक बनने वाला यह पहला मुगल था यह शाह आलम द्वितीय के दूसरे पुत्र
और बहादुर शाह ज़फ़र के पिता थे अकबर द्वितीय को ही अकबर शाह द्वितीय के नाम से जाना
जाता हैं। इसने राजा राममोहन राय को 'राजा' की उपाधि दी।
|
Bahadur
Shah Ii Was The Last Mughal Ruler. He Used To Write Poems By Name Zafar. Because
Of Participating In The Revolution Of 1857, The British Took The Captive And
Sent It To Rangoon. Thus The Mughal Empire Ended.
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(18)
ABU ZAFAR SIRAJUDDIN MUHAMMAD
BAHADUR SHAH ZAFAR OR BAHADUR SHAH ZAFAR & BAHADUR SHAH II
अबू ज़फर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह ज़फर या बहादुर शाह ज़फर &
बहादुर शाह II
1837 - 1857
|
बहादुर शाह द्वितीय अंतिम मुगल शासक था। यह जफर नाम से कविताएं
लिखता था। 1857 की क्रांति में भाग लेने
के कारण अंग्रेजों ने इसे बंदी बनाकर रंगून भेज दिया। इस प्रकार मुगल साम्राज्य समाप्त
हो गया।
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1526 - 1857 (Almost 316 Years 316 वर्ष लगभग)
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