LEGISLATIVE ASSEMBLY
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विधान सभा
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Legislative Assembly Or Legislative Assembly, Which
Is Also Called The Lower House (In Bicameral States) Or Sol House (In One Of
The Tenable States) In Different States Of India. In The Two Union
Territories Of Delhi And Puducherry, The Same Name Is Also Used For The Lower
House. In The Bicameral States, The Upper House Is Called The Vidhan
Parishad.
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विधान सभा या वैधानिक
सभा जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में निचला सदन (द्विसदनीय राज्यों में) या सोल
हाउस (एक सदनीय राज्यों में) भी कहा जाता है। दिल्ली व पुडुचेरी नामक दो केंद्र
शासित राज्यों में भी इसी नाम का प्रयोग निचले सदन के लिए किया जाता है। 7 द्विसदनीय राज्यों में ऊपरी सदन को विधान परिषद कहा जाता
है।
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Members Of The Legislative Assembly Are Direct
Representatives Of The People Of The States Because They Are Elected Directly
By The Citizens Of The Age Group Of More Than 18 Years Of One State.
Its Maximum Size Has Been Determined By The Constitution Of India, Which Can
Not Be Less Than 500 And Less Than 60 Members. However, The Size Of The
Legislative Assembly Could Be Less Than 60 Members By An Act Of Parliament:
Like Goa, Sikkim, Mizoram And Union Territory Of Puducherry. In Some
States, The Governor Can Appoint 1 Member To Represent Minorities, For
Example, The Anglo-Indian Community If He Believes That The Minorities In The
House Have Not Got Proper Representation. The Elected Or Appointed By
The Governor Is Called Legislative Assembly Or MLA.
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विधान सभा के सदस्य
राज्यों के लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य
के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग
के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर चुना जाता है। इसके अधिकतम आकार को भारत के
संविधान के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसमें 500 से अधिक व् 60
से कम सदस्य
नहीं हो सकते। हालाँकि विधान सभा का आकार 60 सदस्यों से कम हो सकता है संसद के एक अधिनियम के द्वारा: जैसे गोवा , सिक्किम , मिजोरम और केंद्र शासित
प्रदेश पुडुचेरी। कुछ राज्यों में राज्यपाल 1 सदस्य को अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए
नियुक्त कर सकता है , उदा० ऐंग्लो इंडियन
समुदाय अगर उसे लगता है कि सदन में अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला
है। राज्यपाल के द्वारा चुने गए या नियुक्त को विधान सभा सदस्य या MLA कहा जाता है।
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The Tenure Of Each Legislative Assembly Is Five
Years, After Which There Is A Re-Election.
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प्रत्येक विधान सभा का
कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है जिसके बाद पुनः चुनाव होता है।
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This Post Was Last Modified On 6 November 2019 1:20pm
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