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Friday, 15 February 2019

MUGHAL DYNASTY (मुगल वंश)

MUGHAL DYNASTY
मुगल वंश


Jahiruddin Babar Was Born On 24 February 1453 In Farringa. Her Father Was The Ruler Of Umarshek Mirza Fargana. Babar's Mother Was Kuttugugir In The First Battle Of Panipat, Babar Adopted The Tulugama War Method For The First Time. Ustad Ali And Mustafa Babar's Famous Shooter (Gunner), After The Victory In The Khanwa War, Babur Assumed The Title Of Ghazi. He Declared This War As A Jehad. After The Victory Of The Panipat War, Babar Gave Each And Every Resident Of Kabul A Coin Of Silver. For This Generosity He Was Given The Title Of Kalandar. Babar Composed His Autobiography In Turkish Language Babuji Babri (Babarnama), Whose Persian Translation Was Translated By Abdul Rahim Khankhana As Babar To Be The Originator Of The Museean Verse Style. He Was A Follower Of The Invented Sufi Saint Khwaja Ubaidullah Aharkar. Babar Died On December 27, 1530, At The Age Of 48 Years. He Was Buried In Agra's Arambagh And Later Buried In Kabul As Per His Previous Wish.
(1)
ZAHIRUDDIN MUHAMMAD BABAR
जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर
1526 - 1530
जहीरूद्दीन बाबर का जन्म 24 फरवरी 1453 ई. को फरगना में हुआ था। उसके पिता उमरशेख मिर्जा फरगना के शासक थे। बाबर की माता कुतलुगनिगार थीं। पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुलुगमा युद्ध पद्वति अपनायी। उस्ताद अली एवं मुस्तफ बाबर के प्रसिद्ध निशानेबाज (तोपची) थे खानवा युद्ध में विजय के बाद बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की। इस युद्ध को उसने जेहाद घोषित किया था। पानीपत युद्ध की विजय के बाद बाबर ने काबुल के प्रत्येक निवासी को चांदी का एक - एक सिक्का दिया। इस उदारता के लिए उसे कलन्दर की उपाधि दी गयी। बाबर ने तुर्की भाषा में अपनी आत्मकथा तुजुके बाबरी (बाबरनामा) की रचना की, जिसका फारसी अनुवाद अब्दुल रहीम खानखाना ने बाबर को मुबईयान पद्य शैली का जन्मदाता माना जाता है। वह नक्शबंदी सूफी संत ख्वाजा उबैदुल्ला अह्रार का अनुयायी था। लगभग 48 वर्ष की आयु में 27 दिसम्बर 1530 को बाबर की मृत्यु हो गयी। उसे आगरा के आरामबाग में दफनाया गया तथा बाद में उसकी पूर्व इच्छानुसार काबुल में दफनाया गया।

Humayun Established The City Of Dinapnah In 1533 Ad. On May 17, 1540, The Battle Of Kannauj (Bilgram) Was Fought Between Humayun And Sher Shah, In Which Humayun Was Defeated And Sher Shah Took Control Over Delhi And Agra.
(2)
NASIRUDDIN MUHAMMAD HUMAYUN
नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ
1530 - 1540
हुमायूँ ने 1533 ई. में दीनपनाह नामक नगर की स्थापना की। 17 मई 1540 को हुमायूँ और शेरशाह के मध्य कन्नौज (बिलग्राम) का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायूँ पराजित हुआ तथा शेर शाह ने दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया।


Mughal Dynasty Half Time ™
मुगल वंश मध्यांतर




Mughal Dynasty (Restart) ®
मुगल वंश (पुनःप्रारंभ)


In 1540 Humayun Was Defeated By Sher Shah Suri Of The Suri Dynasty, But In 1555 The Throne Came Back After The Death Of "Humayun" Islam Shah Suri (Son And Successor To Sher Shah Suri).
(2)
NASIRUDDIN MUHAMMAD HUMAYUN
 नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ
1555 - 1556
1540 में सुरी वंश के शेर शाह सूरी द्वारा हुमायूँ को उखाड़ फेंक दिया गया था, लेकिन "हुमायूँ" इस्लाम शाह सूरी (शेर शाह सूरी के पुत्र और उत्तराधिकारी) की मृत्यु के बाद 1555 में सिंहासन लौट आया था।

On October 15, 1542, Muhammad Akbar Was Born In The Palace Of Rana Veersaal In Amarkot. His Coronation Was Held On 14 February 1556 In Kalanaur, Punjab. Jalaluddin Muhammad Akbar The Emperor Sat On Rajasimhan Under The Name Of Ghazi.
(3)
JALALUDDIN MUHAMMAD AKBAR
जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
1556 - 1605
15 अक्टूबर 1542 ई. को मुहम्मद अकबर का जन्म अमरकोट में राणा वीरसाल के महल में हुआ था। 14 फरवरी 1556 को पंजाब के कलनौर में उसका राज्याभिषेक हुआ। जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर बादशाही गाजी के नाम से राजसिंहासन पर बैठा।
By 1556 - 1560, Bairam Khan Was The Patron Of Akbar. Akbar And Hemu Took Part In The Second Battle Of Panipat On November 5, 1556, In Which Akbar Was Victorious. From 1560 To 1562, Akbar Was Under The Influence Of Haram Dal. In 1560, Akbar Ordered Bairam Khan To Travel To Mecca. On The Way To Mecca, Mubarak Khan Murdered Bairam Khan In Patan.
1556 - 1560 तक बैरम खाँ अकबर का संरक्षक रहा। अकबर तथा हेमू के मध्य 5 नवम्बर 1556 को पानीपत का द्वितीय युद्ध हुआ, जिसमें अकबर विजयी रहा। 1560 - 1562 तक अकबर हरम दल के प्रभाव में रहा। 1560 में अकबर ने बैरम खाँ को मक्का यात्रा का आदेश दिया। मक्का जाते समय पाटन में मुबारक खाँ ने बैरम खाँ की हत्या कर दी।
Manashbadari Practice Was The Main Feature Of Akbar's Administration. Kurodi Was Appointed To Implement Chashash System 1580. Toddler Implemented The Staunch System.
मनसबदारी प्रथा अकबर के प्रशासन की प्रमुख विशेषता थी । दहशाला व्यवस्था 1580 को लागू करने के लिए किरोड़ी की नियुक्ति की गयी। दहशाला व्यवस्था को टोडरमल ने लागू किया।
Abuj Fazal Composed Akbarnama (Ain-E-Akbari). Abul Fazl's Elder Brother, Fazi Akbar, Was The Prince. The Killing Of Abul Fazl, Who Was Heading Towards Agra From South, Was Done In 1602 By Veer Singh Bundela On The Instructions Of Salim (Jahangir).
अबुज फजल ने अकबरनामा (आइन-ए-अकबरी) की रचना की। अबुल फजल के बड़े भाई फैजी अकबर के राजकवि थे। दक्षिण से आगरा की ओर जा रहे अबुल फजल की हत्या 1602 में सलीम (जहाँगीर) के निर्देश पर वीर सिंह बुन्देला ने कर दी।
Birbal Was Murdered While Suppressing The Yusufajah Rebellion. Birbal's Childhood Name Was Mahesh Das.
युसूफजाइयों के विद्रोह को दबाने के दौरान बीरबल की हत्या हो गयी। बीरबल के बचपन का नाम महेश दास था।
1. The Title Of Shirikalam To The Painter Abdusamad
DEGREES GIVEN BY AKBAR
अकबर द्वारा दी गई उपाधियां
1. चित्रकार अब्दुस्समद को शीरीकलम की उपाधि
2. The Title Of The Pen Of Muhammad Hussein.
2. मुहम्मद हुसैन को जरी कलम की उपाधि
3. The Title Of Amir-Ul-Umra, Son Of Raja Bharmal, The Son Of King Bharmal Of Amer.
3. आमेर के राजा भारमल के पुत्र भगवान वास को अमीर-उल-उमरा की उपाधि
4. Birbal Was The Title Of The Poet.
4. बीरबल को कविप्रिय की उपाधि
5. The Title Of Mahapatra To Narahari
5. नरहरि को महापात्र की उपाधि
6 Jain Acharya Harivijay Suri To Jagatguru Degree
6. जैन आचार्य हरिविजय सूरि को जगतगुरु की उपाधि
7. Growth Speech Vilas Degree To Music Emperor Tansen
7. संगीत सम्राट तानसेन को कण्ठाभरण वाणी विलास की उपाधि
Dashwant And Basavan Were Famous Painters Of His Court. Bajbahadur, Baiju Bawra And Ramdas Were Prominent Singers Of Akbar Era.
(3)
JALALUDDIN MUHAMMAD AKBAR
जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
1556 - 1605
दसवंत एवं बसावन उसके दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार थे। बाजबहादुर, बैजू बावरा तथा रामदास अकबर काल के प्रमुख गायक थे।
Persian Was The Official Language Of The Mughals. Akbar Had Chaired The Establishment Of The Translation Department, Faizi. Translation Of Mahabharata In Persian Was Done By Badayuni, Nakib Khan And Abdul Qadir In The Name Of Resumma. Maulana Hussain Faiz Translated The Panchatantra Into Persian, In The Name Of Yar-E-Danish.
फारसी मुगलों की राजभाषा थी। अकबर ने अनुवाद विभाग की स्थापना फैजी की अध्यक्षता की थी। महाभारत का फारसी में अनुवाद बदायूँनी , नकीब खाँ एवं अब्दुल कादिर ने रज्मनामा के नाम से किया। मौलाना हुसैन फैज ने यार-ए-दानिश नाम से पंचतंत्र का फारसी में अनुवाद किया।
In 1571 Akbar Founded Fatehpur Sikri, 36 Km Away From Agra And Constructed Buland Darwaza In It. Construction Of Buland Darwas Was Done In The Celebration Of Gujarat Victory, Akbar Established A New Religion Called Din-E-Elahi (Tauhid-E-Elahi) For The Purpose Of Religious Discussions In Fatehpur Sikri And To Know The Best Principles Of All Religions. . Birbal Was The First And Last Hindu To Accept Din-E-Elahi. Akbar Was The Chief Priest Of Din-E-Elahi.
अकबर ने 1571 में आगरा से 36 किमी दूर फतेहपुर सीकरी की स्थापना की तथा उसमें बुलन्द दरवाजा बनवाया। बुलन्द दरवाजे का निर्माण गुजरात विजय के उपलक्ष्य में कराया गया, अकबर ने फतेहपुर सीकरी में धार्मिक परिचर्चाओं के लिए इबादतखाने तथा सभी धर्मों के उत्तम सिद्धांतों को जानने के लिए दीन-ए-इलाही (तौहीद-ए-इलाही) नामक नए धर्म की स्थापना की। बीरबल दीन-ए-इलाही को स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अंतिम हिन्दू था। अकबर ही दीन-ए-इलाही का प्रधान पुरोहित था।
The Important Works Of Akbar In The Field Of Architecture Are Humayun's Tomb In Delhi, Lalkila Of Agra, Shahimahal In Fatehpur Sikri, Dewan Special, Panchmahal, Buland Darwaza, Jodha Bai's Palace, Ibadat Khan, Allahabad Fort And Lahore Fort.
स्थापत्यकला के क्षेत्र में अकबर की महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं दिल्ली में हुमायूँ का मकबरा , आगरा का लालकिला , फतेहपुर सिकरी में शाहीमहल , दीवाने खास , पंचमहल , बुलंद दरवाजा , जोधाबाई का महल , इबादत खाना , इलाहाबाद का किला और लाहौर का किला।
On 18 June 1576 Ad, The Battle Of Haldighati Was Fought Between Maharana Pratap And Akbar, Ruler Of Mewar, In Which Akbar Was Victorious. Man Singh And Asaf Khan Have Led The Mughal Army In This War. Maharana Pratap Died On 19 February 1597 At The Age Of 57.
18 जून 1576 ई. को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और अकबर के मध्य हल्दीघाटी का युद्ध हुआ, जिसमें अकबर विजयी रहा। इस युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व मान सिंह एवं आसफ खाँ ने किया। 19 फरवरी 1597 को 57 वर्ष की उम्र में महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गयी।
Akbar Died In 1605 Ad And Was Buried In Sikandra Near Agra. Akbar's Tomb Was Constructed By Jahangir.
1605 ई. में अकबर की मृत्यु हो गयी तथा उसे आगरा के निकट सिकन्दरा में दफनाया गया। जहाँगीर द्वारा अकबर के मकबरे का निर्माण करवाया गया।

Salim (Jahangir) Was The Successor Of Akbar, Who Sat On The Throne After The Emperor Akbar. Nuruddin Muhammad Salim Jahangir Was Born On August 30, 1569. Sheikh Salim Was A Contemporary Of Chishti Akbar, Whose Prayer Was The Birth Of Jahangir, After The Name Of Sheikh Salim Chisti, The Name Of The Princess Was Named After Him.
(4)
NURUDDIN MUHAMMAD SALIM JAHANGIR
नूरुद्दीन मुहम्मद सलीम जहाँगीर
1605 - 1627
सलीम (जहाँगीर) अकबर का उत्तराधिकारी था जो बादशाह अकबर के बाद राजसिंहासन पर बैठा। नूरुद्दीन मुहम्मद सलीम जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त 1569 में हुआ था। शेख सलीम चिश्ती अकबर के समकालीन थे जिनकी दुवा से जहाँगीर का जन्म हुआ था शेख सलीम चिश्ती के नाम पर ही शहजादे का नाम रखा गया था।
In 1611, Mehrunnisha, Who Came From Mehrunnisha After The Marriage Of Jahangir In 1611, Was Later Known As Noorjahan, In 1627 Jahangir Died In Bhimwar, Noorjahan Constructed Jahangir's Tomb At Shahdara Near Lahore. Khusro, Parvez, Khurram, Shahiar, Jahandar Were Jahangir's Five Sons, Jahangir Gave Khurram The Title Of Shah Jahan.
1611 में जहाँगीर का निकाह मेहरूननिशा से हुआ मेहरूननिशा बाद में नूरजहाँ के नाम से जानी गई, 1627 में जहाँगीर की मृत्यु भीमवार में हुई, नूरजहाँ ने लाहौर के निकट शाहदरा में जहाँगीर का मकबरे का निर्माण करवाया। खुसरो, परवेज, खुर्रम, शहरयार, जहाँदार ये जहाँगीर के पाँच बेटे थे जहाँगीर ने खुर्रम को शाहजहाँ की उपाधि प्रदान की थी।

Shah Jahan Was Married To Noor Jahan's Brother Asaf Khan's Daughter, Arjumandabanu Begum, Who Became Famous As Mumtaz Mahal, Shah Jahan Gave Him The Title Of Malika-E-Jamiani. Mumtaz Died On June 7, 1631.
(5)
 SHAHABUDDIN MUHAMMAD KHURRAM SHAHJAHAN
शहाबुद्दीन मुहम्मद ख़ुर्रम शाहजहाँ
1627 - 1657
शाहजहाँ का निकाह नूरजहाँ के भाई आसफ खां की बेटी अर्जुमन्दबानो बैगम से हुआ, जो मुमताज महल के नाम से प्रसिद्ध हुई शाहजहाँ ने उसे मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की। 7 जून 1631 को मुमताज की मृत्यु हो गई।
The City Of Red Fort And Shahjahanabad Was Built By The Mughal Emperor Shah Jahan In 1639 Ad.
लाल किला एवं शाहजहाँनाबाद का शहर, मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा ई. 1639 में बनवाया गया था।
Shah Jahan Built Himself And His Mumtaz Mausoleum Mausoleum In Agra, Which Is Famous As The Tajmahal, The Construction Of The Taj Mahal Started From 1632, Which Took About 20 Years To Build.
शाहजहाँ ने स्वंय अपना और अपनी बैगम मुमताज महल का मकबरा आगरा में बनवाया जो ताजमहल के नाम से प्रसिद्ध है ताजमहल का निर्माण 1632 से आरम्भ हुआ जिसे बनने में लगभग 20 साल का समय लगा।
The Struggle For Succession Began In Shah Jahan's Sickness, And In 1658, Aurangzeb (Alamgir) Sat On The Throne.
शाहजहाँ के बिमार होने पर उसके पुत्रो में उत्तराधिकार के लिए संघर्ष आरम्भ हो गया और 1658 में औरंगजेब (आलमगीर) नाम से राजसिंहासन पर बैठा ।

Aurangzeb Was Born On November 3, 1618 At The Place Of Dohad Of Ujjain On 18 May 1637 Aurangzeb's Marriage With Dilrass Bano Begum (Rabia) Of Persia Raj Bharana, Aurangzeb Constructed A Replica Of Taj Mahal (1679) At The Request Of His Vv, It Is Known In The Name Of Vv's Tomb Or The Second Taj Mahal, Located In Aurangabad And Aurangzeb Constructed The Moti Masjid In Red Fort, Aurangzeb's Death On 3 March 1707 There Was Ahmednagar.
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HAZRAT MUINUDDIN MUHAMMAD AURANGZEB ALAMGIR
हजरत मुइनुद्दीन मुहम्मद औरंगजेब आलमगीर
1658 - 1707
औरंगजेब का जन्म 3 नवंबर 1618 को उज्जैन के दोहद नामक स्थान पर हुआ 18 मई 1637 को औरंगजेब का निकाह फारस राजघराने की दिलरास वानो बैगम (राबिया) से हुआ औरंगजेब ने अपनी वीवी के आग्रह पर ताजमहल की प्रतिकृति का निर्माण (1679) में करवाया, जिसे वीवी का मकबरा या द्वितीय ताजमहल के नाम से जाना जाता है ये औरंगाबाद में स्थित है और लाल किले में स्थित मोती मस्जिद का निर्माण भी औरंगजेब ने कराया था औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 में अहमदनगर में हुई।

Muazzam, Bahadur Shah Became The Mughal Ruler With The Title Of First, It Is Also Called Shah Alam First.
(7)
QUTBUDDIN MUHAMMAD MUAZZAM BAHADUR SHAH ZAFAR A.K.A. SHAH ALAM I
क़ुतुबुद्दीन मुहम्मद मुअज्जम बहादुर शाह जफर उर्फ शाह आलम I
1707 - 1712
मुअज्जम, बहादुर शाह प्रथम की उपाधि के साथ मुगल शासक बना, इसे शाह आलम प्रथम भी कहा जाता है।

Jahandar Shah Made Jaysingh The Title Of Mirza Raja Sabhai And The Governor Of Malwa, The Title Of Maharaj And Maharaja Of Gujarat And Governor Of Gujarat. Zulfiqar Khan, The Prime Minister Of The Jahandar Shah.
(8)
MAJUDDIN JAHANDAR SHAH BAHADUR
माजुद्दीन जहाँदार शाह बहादुर
1712 - 1713
जहाँदार शाह ने जयसिंह को मिर्जा राजा सबाई की उपाधि और मालवा का गवर्नर, अजीत सिंह को महाराज की उपाधि और गुजरात का गवर्नर बना दिया। जुल्फिकार खाँ, जहाँदार शाह का प्रधानमंत्री था।

Farrukhshiyar Sayyad Sitting On Delhi's Throne With The Help Of Bandhus. It Was The Son Of Azimushashan.
(9)
FARRUKHSHIYAR
फर्रुख्शियार
1713 - 1719
फर्रुख्शियार सैय्यद बन्धुओं की सहायता से दिल्ली की गद्दी पर बैठा। यह अजीमुश्शान का बेटा था।

After Farrukhshiyar, Hussain Ali Of Syed Bundhu Sat On The Throne Of Rafi-Ud-Durjat And Rafi-Ud-Daula In Delhi.
(10)
RAFI-UD-DURJAT
रफी-उद्-दरजात
1719
कार्यकाल 28 फरवरी 1719 से 6 जून 1719
(98 दिन)
फर्रुख्शियार के बाद सैय्यद बन्धु के हुसैन अली ने रफी-उद्-दरजात तथा रफी-उद्-दौला को दिल्ली की गद्दी पर बैठाया।

After Farrukhshiyar, Hussain Ali Of Syed Bundhu Sat On The Throne Of Rafi-Ud-Durjat And Rafi-Ud-Daula In Delhi.
(11)
RAFI-DL-DAULA
रफी-उद्-दौला
1719
कार्यकाल 6 जून 1719 से 19 सितम्बर 1719
(105 दिन)
फर्रुख्शियार के बाद सैय्यद बन्धु के हुसैन अली ने रफी-उद्-दरजात तथा रफी-उद्-दौला को दिल्ली की गद्दी पर बैठाया।

After Rafi-Ud-Durjat And Rafi-Ud-Daula Who Died From The Disease, Jahangir Shah's 18-Year-Old Son Raushan Akhtar Was Made The Ruler After Muhammad Shah.
(12)
MUHAMMAD SHAH ROSHAN AKHTAR BAHADUR
मुहम्मद शाह रोशन अख्तर बहादुर
1719 - 1748
रफी-उद्-दरजात और रफी-उद्-दौला जो बिमारी से मर गए थे, के बाद जहाँगीर शाह के 18 वर्षीय पुत्र रौशन अख्तर को मुहम्मद शाह के नाम से शासक बनाया गया।

Ahmed Shah Bahadur Was The Son Of Muhammad Shah (Mughal) And After His Father In 1748, At The Age Of 23, He Became A Mughal Emperor. Its Mother Was Udhambai, Who Was Famous As Kudasia Begum.
(13)
 AHMAD SHAH BAHADUR
अहमद शाह बहादुर
1748 - 1754
अहमद शाह बहादुर, मुहम्मद शाह (मुगल) का पुत्र था और अपने पिता के बाद १७४८ में 23 वर्ष की आयु में मुगल सम्राट बना। इसकी माता उधमबाई थी, जो कुदसिया बेगम के नाम से प्रसिद्ध थीं।

Alamgir Ii Was The Son Of Jahandar Shah, 3 June 1754 - 11 December 1759 Was A Mughal Emperor In India.
(14)
AZIZUDDIN & ALAMGIR II
अज़ीज़ुद्दीन & आलमगीर II
1754 - 1759
आलमगीर द्वितीय जहाँदार शाह का बेटा था 3 जून 1754 - 11 दिसंबर 1759 भारत में मुगल सम्राट रहे।

Shahjahan Iii (شاه جہان 3), Which Is Called Muhi-Ul-Millat, Who Was A Mughal Emperor Muhi Was The Son Of That-Sunnat And Eldest (Senior) Son Of Muhammad Kam Bakhsh, Who Was The Youngest Son Of Aurangzeb. It Was Seated In 1759 But It Was Removed In 1760 By Its Own Vizier Only.
(15)
MUHI-UL-MILLAT & SHAH JAHAN III
मुही-उल-मिल्लत & शाहजहाँ III
1759 - 1760
शाहजहां तृतीय (شاه جہان ۳) जिसे मुही-उल-मिल्लत कहा गया है, जो मुगल सम्राट थे। मुही उस-सुन्नत का पुत्र और मुहम्मद कम बख्श का ज्येष्ठ (वरिष्ठ) पुत्र था, जो औरंगज़ेब का कनिष्ठ पुत्र था। इसे 1759 में गद्दी पर बैठाया गया किंतु 1760 में ही अपने ही वज़ीर द्वारा हटा दित्या गया।

During The Reign Of Shah Alam Ii, The British Took Control Over Delhi. In 1806 Ghulam Qadir Khan Murdered Shah Alam Ii.
(16)
ALI GAUHAR & SHAH ALAM II
अली गौहर & शाह आलम II
1759 – 1806
कार्यकाल 24 दिसंबर 1759 - 19 नवंबर 1806
शाह आलम द्वितीय के शासनकाल में अंग्रेजों ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया। 1806 में गुलाम कादिर खाँ ने शाहआलम द्वितीय की हत्या करवा दी।

Akbar Became The Mughal Ruler Under The Protection Of The Second British. This Was The First Mughal To Become The Ruler Of The British Patronage. It Was The Second Son Of Shah Alam Ii And Father Of Bahadur Shah Zafar, Akbar Ii Was Known As Akbar Shah Ii. It Gave King Rammohan Roy The Title Of 'Raja'.
(17)
MIRZA AKBAR OR AKBAR SHAH SANI & AKBAR II
मिर्ज़ा अकबर या अकबर शाह सानी & अकबर II
1806 - 1837
अकबर द्वितीय अंग्रेजों के संरक्षण में मुगल शासक बना। अंग्रेजों के संरक्षण में शासक बनने वाला यह पहला मुगल था यह शाह आलम द्वितीय के दूसरे पुत्र और बहादुर शाह ज़फ़र के पिता थे अकबर द्वितीय को ही अकबर शाह द्वितीय के नाम से जाना जाता हैं। इसने राजा राममोहन राय को 'राजा' की उपाधि दी।

Bahadur Shah Ii Was The Last Mughal Ruler. He Used To Write Poems By Name Zafar. Because Of Participating In The Revolution Of 1857, The British Took The Captive And Sent It To Rangoon. Thus The Mughal Empire Ended.
(18)
ABU ZAFAR SIRAJUDDIN MUHAMMAD BAHADUR SHAH ZAFAR OR BAHADUR SHAH ZAFAR & BAHADUR SHAH II
अबू ज़फर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह ज़फर या बहादुर शाह ज़फर & बहादुर शाह II
1837 - 1857
बहादुर शाह द्वितीय अंतिम मुगल शासक था। यह जफर नाम से कविताएं लिखता था। 1857 की क्रांति में भाग लेने के कारण अंग्रेजों ने इसे बंदी बनाकर रंगून भेज दिया। इस प्रकार मुगल साम्राज्य समाप्त हो गया।

1526 - 1857 (Almost 316 Years 316 वर्ष लगभग)

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